संस्कृत - अनुवाद Short trick
सूत्रम् - मोsनुस्वार:
यदि हलन्त म् के बाद कोई व्यञ्जन वर्ण हो तो म् का अनुस्वार होगा।
उदाहरण - अहम् + पठामि = अहं पठामि
सत्यम् + वद = सत्यं वद
इदम् + चित्रम् = इदं चित्रम्
लेकिन यदि हलंत म् के बाद कोई स्वर वर्ण हो तो म् हलंत ही रहेगा।
उदाहरण - अहम् + अपठम् = अहम् अपठम् ।
चित्रम् + उद्यानस्य अस्ति = चित्रम् उद्यानस्य अस्ति ।
तसिल् प्रत्यय:
सूत्रम् - पञ्चम्यास्तसिँल्
जब कोई वस्तु या व्यक्ति किसी स्थान से अलग होते हैं तो उस स्थानवाची शब्द में पञ्चमी विभक्ति का प्रयोग होता है।
उस परिस्थिति में स्थानवाची पञ्चमी विभक्ति के शब्दरूप के स्थान पर तसिल प्रत्यय का प्रयोग किया जा सकता है।
तसिल् प्रत्यय का सिर्फ तः शेष रहता है।
उदाहरण -
1.भूपेश प्रयाग से काशी जाता है।
भूपेशः प्रयागतः [प्रयागात् ] काशीं गच्छति।
2. राकेश विद्यालय से आता है।
राकेशः विद्यालयतः [विद्यालयात् ] आगच्छति ।
3.हम सभी गाँव से आते हैं।
वयं ग्रामतः [ ग्रामात् ] आगच्छामः ।
4.राजा महल से आता है।
नृपः प्रासादतः [प्रासादात् ] आगच्छति ।
स्म का प्रयोग
' स्म ' यह एक अव्यय है। इसका प्रयोग लट् लकार के धातु रूपों के अर्थों को भूतकाल [ Past tense ] में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है ।
उदाहरण -
बालक लिखता था।
बालकः लिखति स्म ।
मैं पढ़ता था ।
अहं पठामि स्म।
हम सभी खेलते थे।
वयं खेलामः स्म ।
रमा गाती थी।
रमा गायति स्म।
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